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आजादी कैसी आजादी
खून सने गलियारे देखेभूखे लोगो को बहकातेनेताओ के भाषण देखेगंदी नजरो से बचने कोअबलाओं के तन मन देखेधनवानों के गलियारों मेंभूखे नंगे बच्चे देखेताकतवर है मौज मनातेठोकर खाते निर्बल देखे बदल सके हालात अगर तब सच्ची आजादी देखे आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायेंनन्दिता
badhia kataaksh kiya ha aapne......sundar rachana.
जवाब देंहटाएंaapko swatantrata diwas ki haardic shubhkaamnaaye. aabhaar.
६२ साल प्रतीक्षा की है...... और कीजिये.....
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना के लिए बधाई...
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंsatya aapki kavita me humne dekha aaj khuda kare ki aap aise hi likhati rahe such kaha hai aapne ki ye neta hai hi kaminey
जवाब देंहटाएं----- eksacchai
{AAWAZ}
http://eksacchai.blogspot.com
सोचने को मजबूर करती आपकी पोस्ट.................. लाजवाब लिखा है.........
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंबेबाकी से लिखने कि आजादी...
जवाब देंहटाएंvaah.....lekin bahut jyada acchi bhi nahin....!!
जवाब देंहटाएंबात दिल को छू गयी है
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंबदल सके हालात अगर
जवाब देंहटाएंतब सच्ची आजादी देखे............vaah.....dubara padhne par kuchh aur acchhi lagi.....!!
बहुत ही अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत-२ आभार
bahoot achha
जवाब देंहटाएंwakayi me behtareen rachna...
जवाब देंहटाएंagli rachnaon ka intzaar rahega.....