शुक्रवार, 7 अगस्त 2009

आ उस छाँव तले चल ........

आ उस छाँव तले चल बैठै
कुछ बातें ,कर ले हम दोनों
कुछ उस पल की,कुछ इस पल की
यादो की झुरमुट में,छुप कर
गुजरे लम्हों को फिर जी ले
कुछ शिकवे तेरे भी होगे
कुछ शिकवे मेरे भी होगे
आ अब भूल इन्हे हम फिर से
फागुन वाली लय में झुमे
जीवन तो बस जलती बाती
जाने कब बुझ जाए साथी
जो पल आज मिले है हमको
उनको तो जी भर कर जी लें
आ उस छाँव तले चल बैठे
नंदित्ता सिंह

17 टिप्‍पणियां:

  1. जो पल आज मिले है हमको
    उनको तो जी भर कर जी लें

    सुन्दर पंक्तियाँ नन्दिता जी। किसी ने कहा है कि-

    जो बीता कल कया होगा कल
    है इस कारण तू व्यर्थ विकल
    आज अगर तू सफल बना ले
    आज सफल तो जनम सफल

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  2. जो पल आज मिले है उनको जी ले
    बहुत खूब सुन्दर भाव

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  3. बहुत प्यारी रचना. जारी रहें.

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  4. साधारण सी भावाव्यक्ति...
    गहराई की संभावना लिए हुए...

    शुभकामनाएं....

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  5. नंदिता ,ब्लॉग जगत में स्वागत ............. ,इश्वर से प्रार्थना हैं आपकी कलम हमेशा आपके साथ रहे ..........

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  6. bahut khoob! apki rachana na sirf sarahani hai balki prasansani bhi hai!
    ham to aap ke kayal hi ho gaye hain!

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  7. amazing poem , great work of words.. itni gahri bhaavabhivyakti .. badhai ho ji


    aabhar

    vijay

    pls read my new poem "झील" on my poem blog " http://poemsofvijay.blogspot.com

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  8. आ उस छाँव तले चल बैठै
    कुछ बातें ,कर ले हम दोनों
    कुछ उस पल की,कुछ इस पल की
    यादो की झुरमुट में,छुप कर
    गुजरे लम्हों को फिर जी ले

    METHAA SA EHSAAS LIYE..... MAN MEIN UTARTI.....KHOOBSOORAT RACHNA HAI....GUZRE LAMHON KO YAADON KI JHURMUT MEIN.....LAJAWAAB

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  9. गुजरे लम्हों को फिर जी ले
    कुछ शिकवे तेरे भी होगे
    कुछ शिकवे मेरे भी होगे
    आ अब भूल इन्हे हम फिर से

    behtareen rachna hai...

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  10. dil se kuch baat ho jaye to baat ban jati hai buuus yahi to huva hai yaha ...waaah !

    --- eksacchai

    {AAWAZ } http://eksacchai.blogspot.com

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  11. आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद

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  12. कुछ शिकवे तेरे भी होगे
    कुछ शिकवे मेरे भी होगे

    bahut hi realistic lines hain.......

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