शनिवार, 15 अगस्त 2009

आजादी कैसी आजादी


खून सने गलियारे देखे
भूखे लोगो को बहकाते
नेताओ के भाषण देखे
गंदी नजरो से बचने को
अबलाओं के तन मन देखे
धनवानों के गलियारों में
भूखे नंगे बच्चे देखे
ताकतवर है मौज मनाते
ठोकर खाते निर्बल देखे
बदल सके हालात अगर
तब सच्ची आजादी देखे

आप सभी को स्‍वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें
नन्दिता

14 टिप्‍पणियां:

  1. badhia kataaksh kiya ha aapne......sundar rachana.


    aapko swatantrata diwas ki haardic shubhkaamnaaye. aabhaar.

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  2. ६२ साल प्रतीक्षा की है...... और कीजिये.....
    अच्छी रचना के लिए बधाई...

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  3. स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

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  4. satya aapki kavita me humne dekha aaj khuda kare ki aap aise hi likhati rahe such kaha hai aapne ki ye neta hai hi kaminey

    ----- eksacchai
    {AAWAZ}

    http://eksacchai.blogspot.com

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  5. सोचने को मजबूर करती आपकी पोस्ट.................. लाजवाब लिखा है.........

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  6. आप सभी का बहुत बहुत आभार

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  7. बेबाकी से लिखने कि आजादी...

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  8. बदल सके हालात अगर
    तब सच्ची आजादी देखे............vaah.....dubara padhne par kuchh aur acchhi lagi.....!!

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  9. बहुत ही अच्छी रचना
    बहुत-२ आभार

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  10. wakayi me behtareen rachna...
    agli rachnaon ka intzaar rahega.....

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